राजस्थान का अनार बना इंटरनेशनल ब्रांड, महाराष्ट्र को पछाड़ नंबर 1 पर पहुंचा, रोज़ 400 ट्रॉली होती है सप्लाई

आज अगर भारत में अनार की बात होती है तो सबसे पहले नाम आता है राजस्थान का। यहां का अनार न केवल साइज में बड़ा होता है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी इतनी बेहतरीन होती है कि 10 दिन तक भी खराब नहीं होता। बाकी राज्यों, विशेष रूप से महाराष्ट्र के नासिक और सोलापुर के अनार, दो दिन में ही खराब होने लगते हैं, जबकि राजस्थान का अनार एक्सपोर्ट क्वालिटी का है।

5 लाख हेक्टेयर में हो रही अनार की खेती

राजस्थान के विभिन्न जिलों जैसे जालौर, जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर में अनार की खेती तेजी से फैल रही है। लगभग 5 लाख हेक्टेयर में अनार की खेती हो रही है, जो महाराष्ट्र से भी कहीं अधिक है। केवल जीवाना गांव ही नहीं, पूरे 300 किलोमीटर के क्षेत्र में अनार की पैदावार हो रही है। यहां की मिट्टी की गुणवत्ता अनार को अधिक पोषण देती है, जिससे फल आकार में बड़ा और स्वाद में बेहतर होता है।

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राजस्थान का अनार बना इंटरनेशनल ब्रांड, महाराष्ट्र को पछाड़ नंबर 1 पर पहुंचा, रोज़ 400 ट्रॉली होती है सप्लाई

मंडियों में रोज़ 400 ट्रॉली की आवक

मारुति कृपा अनार मंडी राजस्थान की सबसे बड़ी अनार मंडी बन चुकी है। यहां प्रतिदिन 300 से 400 ट्रॉली अनार की आती हैं। सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसानों को कैश में हाथों-हाथ पेमेंट किया जाता है। यह व्यवस्था किसानों को सीधे लाभ देती है और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाती है।

राजस्थान बना अनार का एक्सपोर्ट हब

राजस्थान का अनार अब अमेरिका, दुबई, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों में एक्सपोर्ट किया जा रहा है। बांग्लादेश के लिए तो यहां से रोजाना 10 से 20 गाड़ियों की खेप निकलती है। यहां के व्यापारी और किसान इतने कुशल हैं कि पूरी सप्लाई चेन को सुचारू रूप से संचालित करते हैं।

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पहले जहां रुकने की जगह नहीं थी, आज होटल खड़े हैं

बीते सालों में यहां की मंडी में कोई ढंग की सुविधा नहीं थी। व्यापारी जब यहां माल लेने आते थे तो किसान के घर पर ही रुकते थे। लेकिन अब समय बदल गया है। यहां बड़े-बड़े होटल और लॉज बन चुके हैं, जिससे व्यापारियों को सुविधा मिल रही है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिला है।

मेहनती किसान हैं इस सफलता के असली सूत्रधार

यहां के किसान चौधरी समुदाय विशेष रूप से अनार की खेती पर निर्भर हैं। वे इतनी मेहनत से खेती करते हैं कि उनका अनार एक्सपोर्ट क्वालिटी का बन जाता है। पीढ़ियों से चली आ रही यह परंपरा अब अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुकी है।

निष्कर्ष

राजस्थान ने जिस तेजी से अनार की खेती में प्रगति की है, उसने महाराष्ट्र जैसे पारंपरिक राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। गुणवत्ता, मार्केटिंग और किसान-केंद्रित व्यवस्था ने राजस्थान को भारत का अनार कैपिटल बना दिया है। आज राजस्थान का अनार ना केवल देश भर में, बल्कि विदेशों में भी अपनी मिठास और मजबूती के लिए पहचाना जा रहा है।

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