धान की फसल में फुटाव (कल्ले) बढ़ाने का सही तरीका जानिए, ये कोई नहीं बताएगा जल्दी जानिए

आज हम एक ऐसी बात करने जा रहे हैं जो हर धान की फसल उगाने वाले किसान भाई के लिए बेहद अहम है। जब पौधे से पौधे की दूरी सही हो और खाद का संतुलित उपयोग समय पर हो, तब फसल में फुटाव यानी कलों की संख्या में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी होती है। इसका मतलब साफ है जितने फुटाव उतनी ही बालियों की संख्या, और उतना ही बढ़िया उत्पादन।

फसल की नर्सरी की शुरुआत: पौधे से दूरी मायने रखती है

दोस्तों, सबसे पहली और जरूरी बात है नर्सरी का सही समय और सही तरीका। जब बीज एक-दूसरे के पास लगे होते हैं, तब जड़ें कमजोर होती हैं और पौधे पतले रह जाते हैं। इसलिए 5 से 6 इंच की दूरी पर नर्सरी तैयार करें। इससे जड़ों का विकास बेहतर होता है और पौधे मजबूत, ऊँचे और हरियारे बनते हैं।

पहला खाद डोज़: 7 से 10 दिन के बीच

जब फसल की नर्सरी रोपाई हो जाए और 7 से 10 दिन बीत जाएं, उस समय एक एकड़ में 30 से 45 किलो यूरिया, साथ में 40 से 50 किलो डीएपी और 30 किलो पोटाश (MOP) मिक्स करके देना चाहिए। जड़ों में कीड़ों की समस्या से बचाने के लिए 500 मिलीलीटर क्लोरपाइरिफ़ास और 4 किलो Tata Rali Gold जैसे बूस्टर साथ में लेना जरूरी है। इससे सशक्त जड़े और बढ़िया फुटाव मिलता है।

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दूसरा खाद डोज़: 30 से 40 दिन के बीच

इस समय यूरिया की मात्रा 45 किलो लें और फसल में गहरी हरियाली लाने के लिए 5 किलो जिंक सल्फेट और 500 ग्राम ह्यूमिक एसिड साथ दें। साथ ही 2 से 3 किलो रेगेंट अल्ट्रा जैसे कीटनाशक इस्तेमाल करें। इस संकल्प से पौधे में मजबूत टेलरिंग बनी रहेगी और फुटाव की संख्या और बढ़ेगी।

तीसरा खाद डोज़: 45 से 50 दिन के बीच

इस चरण में मृत দाने की चमक और गुणवत्ता बेहतर होती है, तो 5 किलो सल्फर और 15 किलो पोटाश साथ में 500 ग्राम बोरॉन (20%) लेना चाहिए। यूरिया की मात्रा यहां आधी या आवश्यकता के अनुसार कम भी हो सकती है। इस डोज़ से दानों की चमक, वजन और खनिज गुणवत्ता बढ़ती है।

संपूर्ण खाद शेड्यूल का प्रभाव

दोस्तों, सही दूरी पर रोपाई और समय पर यूरिया, डीएपी, एमओपी, जिंक सल्फेट, ह्यूमिक एसिड, सल्फर, पोटाश व बोरॉन का संतुलित उपयोग फसल की तंदरुस्ती, फुटाव और उत्पादन को बेजोड़ बनाता है। इस पूर्ति को अपनाने से एक पौधे में 15 से 25 फुटाव संभव हैं, जिससे प्रति एकड़ उत्पादन गगन छूने लगता है।

FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब

प्रश्न: यदि मैंने बुवाई के समय डीएपी, एमओपी नहीं लगाया तो क्या करें?
उत्तर: ऐसी स्थिति में पहले डोज़ में यूरिया, डीएपी, एमओपी, क्लोरपाइरिफ़ास व बूस्टर लेना चाहिए। उसी अनुसरण में दूसरा और तीसरा डोज़ दें।

प्रश्न: यूरिया की मात्रा मैं आधा क्यों कर सकता हूं?
उत्तर: अगर फसल हेल्दी, हरी-भरी और मजबूत दिख रही हो तो पोषण अधिशेष से बचने के लिए यूरिया की मात्रा आधी रखें।

प्रश्न: क्या सभी तालूकों में यही डोज़ लागू होगी?
उत्तर: मिट्टी के कारक, बारिश, तापमान और फसल की स्थिति भिन्न होने पर विशेषज्ञ की सलाह लें।

दोस्तों, इस खाद शेड्यूल से आपकी धान की फसल अच्छी फैलाव, ताकतवर जड़ों और भारी उत्पादन के साथ तैयार होगी। याद रखें, खेती सिर्फ मेहनत नहीं, समझदारी का मिशन है। मिलते हैं फिर एक नई क्रांति की खेती के साथ—तब तक खुश, समृद्ध और स्वस्थ रहें। जय किसान, जय भारत।

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