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अगस्त-सितंबर में बोई जाने वाली इन 5 गाजर वैरायटियों से बदल सकती है आपकी खेती की तस्वीर

अगस्त-सितंबर में बोई जाने वाली इन 5 गाजर वैरायटियों से बदल सकती है आपकी खेती की तस्वीर
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आज मैं आपके लिए लेकर आया हूं एक ऐसी जानकारी जो हर उस किसान भाई के लिए बहुत खास है जो इस ठंडी के सीजन में कम लागत में ज्यादा कमाई करना चाहता है। जी हां दोस्तों, हम बात कर रहे हैं गाजर की खेती की, जिसकी मांग सर्दियों में आसमान छूती है और अगर सही किस्म चुन ली जाए तो आप कुछ ही महीनों में अच्छी आमदनी कर सकते हैं।

अगस्त-सितंबर में बोई जाने वाली इन 5 गाजर किस्म

तो दोस्तों आपका ज्यादा समय न लेते हुए सीधा चलते हैं उन टॉप 5 गाजर की किस्मों की तरफ जो अगस्त-सितंबर में बोई जा सकती हैं और जिनसे आप 100 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन ले सकते हैं।

1. हिसार रसीली

सबसे पहले बात करते हैं हिसार रसीली की। यह गाजर की एक बहुत ही खास किस्म है जिसका आकार लंबा बेलनाकार होता है और रंग गहरा लाल। इसकी हार्वेस्टिंग केवल 85 से 95 दिन में हो जाती है और इसकी जड़ें 30 से 35 सेंटीमीटर लंबी होती हैं। अगर आप इसकी सही देखभाल करते हैं तो दोस्तों 150 से 200 क्विंटल तक उपज मिलना कोई मुश्किल बात नहीं है।

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अगस्त-सितंबर में बोई जाने वाली इन 5 गाजर वैरायटियों से बदल सकती है आपकी खेती की तस्वीर

2. पूसा केसर

अब बात करते हैं पूसा केसर की। यह किस्म भी अगस्त-सितंबर में बोई जाती है और हल्की से लेकर भारी मिट्टी तक में अच्छा उत्पादन देती है। इसका रंग भी गहरा लाल होता है और जड़ें थोड़ी छोटी यानी 25 से 30 सेंटीमीटर तक होती हैं लेकिन उपज फिर भी 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आराम से मिल जाती है।

3. पूष मेगाली सी

दोस्तों तीसरे नंबर पर आती है पूष मेगाली सी, जिसका रंग हल्का नारंगी होता है और हार्वेस्टिंग लगभग 100 से 110 दिन में हो जाती है। इसकी जड़ें भी लंबी होती हैं और उपज 100 से 150 क्विंटल तक हो जाती है।

4. पूसा असिता

अब बात करते हैं एक अनोखी किस्म की जिसका रंग काला होता है – पूसा असिता। दोस्तों इसका स्वाद और रंग दोनों ही मार्केट में डिमांड बढ़ा देते हैं। यह किस्म भी 90 से 100 दिन में तैयार हो जाती है और सही देखभाल करने पर यह भी 100 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है।

5. नेट सीच

अंत में आते हैं नेट सीच की ओर, जो नारंगी रंग की बेलनाकार गाजर होती है और वजन लगभग 80 से 100 ग्राम तक होता है। यह भी अगस्त-सितंबर में बुवाई के लिए एक शानदार विकल्प है और उत्पादन भी बाकी वैरायटियों की तरह 150 से 200 क्विंटल तक पहुंच सकता है।

समझदारी से करें वैरायटी का चयन और कमाएं लाखों

तो दोस्तों जैसा कि आपने देखा, गाजर की खेती में अगर आप सही किस्म का चयन करें और बुवाई सही समय पर करें तो आप ठंडी के मौसम में गाजर की जबरदस्त मांग का फायदा उठा सकते हैं। मिट्टी चाहे हल्की हो या भारी, इन वैरायटियों को आप अपनी स्थिति के अनुसार चुन सकते हैं और कम समय में लाखों की कमाई कर सकते हैं।

याद रखिए दोस्तों, आज का किसान वही है जो समझदारी से फैसले लेता है। तो अगली बार जब आप खेत में बीज डालें, तो इन पांच वैरायटियों को जरूर याद रखें। खेती सिर्फ मेहनत नहीं, सही जानकारी और सही समय का खेल है।

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