तार फेंसिंग योजना 2025: अब खेत की सुरक्षा पर मिलेगा 50% सरकारी अनुदान, जानिए कैसे उठाएं लाभ

आज के समय में खेती करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है अपनी फसल की सुरक्षा करना। फसलें अक्सर आवारा पशुओं और जंगली जानवरों के कारण बर्बाद हो जाती हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत किसानों को तार फेंसिंग योजना का लाभ देने की शुरुआत की है।

यह योजना संरक्षित खेती के अंतर्गत एक उपघटक के रूप में चलाई जा रही है, जिसे उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की उद्यानिकी फसलों को जानवरों और अन्य नुकसानों से बचाकर उनकी आय में वृद्धि करना है।

तार फेंसिंग योजना 2025: अब खेत की सुरक्षा पर मिलेगा 50% सरकारी अनुदान, जानिए कैसे उठाएं लाभ

कितना मिलेगा अनुदान और कितनी दूरी तक?

तार फेंसिंग योजना के अंतर्गत एक किसान को अधिकतम 1000 रनिंग मीटर तक फेंसिंग पर अनुदान दिया जाएगा। इस फेंसिंग में चार रनिंग लाइन की बाड़ अनिवार्य होगी, जिसमें लोहे के खंभे होंगे और प्रत्येक खंभे के बीच 10 फीट की दूरी रखनी अनिवार्य होगी।

इस योजना के तहत अनुमानित खर्च ₹300 प्रति रनिंग मीटर है, जिसमें से ₹150 प्रति मीटर (50%) का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा। यानी कि किसान को केवल आधा खर्च वहन करना होगा और आधा सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाएगा।

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योजना का लाभ किन किसानों को मिलेगा?

इस योजना का लाभ केवल मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को ही मिलेगा। किसान के पास स्वयं की कृषि भूमि होना अनिवार्य है और यह भी जरूरी है कि उसने पहले इस योजना का लाभ न लिया हो। साथ ही यह लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो MIDH योजना के अन्य घटकों के साथ इसका एकीकरण कर रहे हैं।

इसका मतलब यह है कि किसान को फेंसिंग के साथ-साथ किसी और घटक जैसे पौधारोपण, ड्रिप इरिगेशन आदि के लिए भी MIDH के अंतर्गत आवेदन करना होगा। तभी उसे फेंसिंग का अनुदान दिया जाएगा।

कैसे करें आवेदन? जानिए प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज

इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है। आवेदन करने के लिए किसानों को उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, मध्यप्रदेश की वेबसाइट mpfsts.mp.gov.in पर जाना होगा।

ऑनलाइन आवेदन के लिए निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

  1. आधार कार्ड
  2. खतौनी/भूमि रिकॉर्ड
  3. बैंक पासबुक की फोटो कॉपी
  4. पासपोर्ट आकार का फोटो
  5. जाति प्रमाण पत्र (यदि किसान SC/ST वर्ग से है)

किन जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ?

यह योजना अभी मध्यप्रदेश के 19 जिलों में लागू की गई है। इनमें शामिल जिले हैं: बालाघाट, बैतूल, उज्जैन, सीहोर, रायसेन, ग्वालियर, अशोकनगर, शिवपुरी, आगर मालवा, धार, झाबुआ, रतलाम, नीमच, सागर, निवाड़ी, मंडला, शहडोल, उमरिया और अनूपपुर।

इन जिलों के किसानों को वर्ष 2025 के लिए लक्ष्य निर्धारित कर योजना का लाभ दिया जा रहा है। बाकी जिलों के किसानों को अगली वित्तीय वर्ष में शामिल किया जा सकता है।

कहां से लें मदद और अधिक जानकारी?

यदि किसी किसान को योजना से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए या आवेदन प्रक्रिया में कोई समस्या हो रही हो, तो वे अपने जिले के सहायक संचालक उद्यानिकी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। ये कार्यालय जिला स्तर पर मौजूद होते हैं और योजना की जानकारी व मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

निष्कर्ष:

तार फेंसिंग योजना केवल फसल की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी एक बेहतरीन पहल है। यदि आप अपने खेत को जानवरों से बचाना चाहते हैं और सरकारी मदद का लाभ उठाना चाहते हैं, तो देर न करें। आज ही अपना ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करें और 50% तक के अनुदान का लाभ उठाएं।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या यह योजना पूरे मध्यप्रदेश में लागू है?
नहीं, फिलहाल यह योजना केवल 19 जिलों में लागू की गई है। अन्य जिलों को आगामी वर्ष में शामिल किया जा सकता है।

Q2. क्या योजना का लाभ सभी किसानों को मिलेगा?
नहीं, लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने पहले इस योजना का लाभ न लिया हो और जो MIDH योजना के अन्य घटकों के साथ इसे जोड़कर आवेदन करें।

Q3. कितना अनुदान मिलेगा और खर्च कितना आएगा?
प्रति रनिंग मीटर ₹300 की लागत पर ₹150 प्रति मीटर का अनुदान मिलेगा, यानी 50% की सब्सिडी।

Q4. क्या आवेदन केवल ऑनलाइन होगा?
हां, किसान को mpfsts.mp.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

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