राजमा दलहन फसलो में ही गिनी जाती है यह फसल को आप खरीफ एवं रबी दोनों ही season में लगा सकते हो और राजमा की फसल 4 महीनो में तैयार हो जाती है जिसे आप साल में दो बार भी उगा सकते है आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएँगे की राजमा की खेती किस प्रकार करना है ,इसकी बीज बुआई का सही समय क्या है , राजमा की उन्नत किस्म कौनसी है इसके लिए कौनसे खरपतवार का प्रयोग करना चाहिए , राजमे के लिए उपयोगी मिटटी कौनसी है ,राजमा की प्रति एकड़ में कितना उत्पादन होता है और आप इसकी खेती करके कितना मुनाफा कमा सकते है यह सब हम आपको बताने वाले है |
राजमा की बुआई का समय क्या है ?
राजमा की खेती आप दो सीजन में कर सकते है पहला खरीफ में और दुसरा रबी में यदि आप खरीफ में इसकी खेती कर रहे है तो आप 1 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक इसकी बुआई कर सकते है | लेकिन ऐसा माना जाता है की राजमा की खेती के लिए सबसे अच्छा समय जनवरी माह का होता है इसकी बुआई आप 15 फरवरी तक कर सकते है | यदि आप खरीफ में इसकी खेती करना चाहते है तो अक्टूबर का महिना श्रेष्ट होता है |
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इसकी खेती हम किन किन मिट्टियों में कर सकते है ?
इसकी खेती हम मुख्य रूप से दोमट मिटटी ,बुलेई दोमट मिटटी ,काली मिटटी ,हल्की रेतीली मिटटी में कर सकते है | साथ ही मिटटी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा हो और उस मिटटी का ph मान 5 से 7 के बिच हो और बुआई के 15 दिन पहले आप मिटटी की जुताई कर ले |
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राजमा की उन्नत किस्मे
market में राजमा की बहुत सारी किस्मे है जैसे कि मालवीय 137 ,BL 63 ,एम्बर ,IIPR 96-4 , उत्कर्ष ,HPR 35 ,BL 63 यह सब राजमा की उन्नत किस्मे है इनका उपयोग आप निसंदेह कर सकते है अधिक पैदावार के लिए |
राजमा की बुआई के लिए खेत की तैयारी किस प्रकार करे ?
राजम की बुआई के लिए आप खेत कू 2 से 3 बार अच्छी तरह जुताई करले और खेत की मिटटी को एक डीएम भुरभुरी बनाये क्यूंकि भुरभुरी मिटटी आपको अच्छा उत्पादन निकाल कर देगी और आपको प्रति हेक्टेयर के लिए 120 से लेकर 140 किलोग्राम बीज की मात्रा लगेगी और बीज का उपचार अवश्य करे बीज के उपचार के लिए आप 2 ग्राम प्रति किलो बीज में थिरम का प्प्रयोग कर सकते है |
राजमा के बीज की बाई किस तरह से करे
राजमा की बीज की बुआई आप कतारों में करे या लाइन में करे और लाइन से लाइन की दुरी आपको 2 फिट रखनी है और बीज को कतार में 10cm की दुरी पर लगाए और बीज को पंक्ति में भूमि के भीतर 7 cm तक अन्दर लगाये इससे आपके पौधे में मजबूती रहेगी और तेज हवाओ इसकी जड़े हिलेगी नहीं जिससे आपको उत्पादन में वृद्धि देखने को मिलेगी | इसके बीज को बहार आने में 20 से 25 दिन लग जाते है तो आप ऐसा बिलकुल नहीं सोचिये की हमने बीज को लगा दिया है और इसका पौधा अभी तक बहार क्यूँ नहीं आया |
राजमा के लिए कौनसे उर्वरक का इस्तेमाल करे ?
राजमा के लिए सबसे पहले आप जब पहली सिंचाई करते है तो आपको यूरिया खाद का प्रयोग करना होगा इसके बाद आपको लगभग 100kg नाइट्रोजन ,50 kg फास्फोरस और 30 kg पोटाश आपको लेना है और उसे एक साथ मिलाकर प्रति हेक्टेयर के अनुरूप देना है नाइट्रोजन और पोटाश की अधि अधि मात्रा आपको बाई के समय देना है और अधि मात्रा खड़ी फसल में देना है इसके बाद यूरिया का घोल बनाकर आपको हर 50 दिन में एक बार फसल पर स्प्रे करना है |
राजमा के लिए सिंचाई और खरपतवार
राजमा की फसल के लिए आपको 3-4 सिंचाई की आवश्यकता होती है सबसे पहले आपको बाई के 4 सप्ताह बाद एक हल्की सी सिंचाई करना है उसके फिर एक महीने बाद आपको एक बार फिर सिंचाई करना है और ध्यान रहे की आप खेत में पानी जमा ना होने दे इसके बाद समय समय पर निराई गुड़ाई करते रहे और कचरे से बचने के लिए आप PENDIMETHALIN दवाई का प्रयोग करे |
राजमा में लगने वाले कीट और उनका नियंत्रण
राजमा में अक्सर सफ़ेद मख्ही और मऊ देखने को मिलते है जिनसे बचाने के लिए आप ROGOR कीटनाशक का उपयोग 1 लीटर पानी में लेकर फसल में स्प्रे करदे इससे आपकी फसल में कीट जैसी समस्या नहीं द्देखने को मिलेगी |
राजमा का उत्पादन प्रति हेक्टेयर
यदि आप राजमा की खेती करते है तो आपको प्रति हेक्टेयर 25 से 30 क्विंटल उत्पादन मिल जाता है और इसका भाव साल भर 150 रूपये प्रति किलो रहता है लेकिन इसके मंडी थोक भाव आपको आपके क्षेत्र के अनुसार अलग अलग देखने को मिल सकते है |
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